शास्त्रों में भगवान् शिव शंकर पर फूल चढाने का बहुत अधिक महत्त्व बताया गया है ! अतः इसका उल्लेख करना आवश्यक है -
शास्त्रों ने कुछ फूलों के चढाने से मिलने वाले फल का तारतम्य बतलाया है , जैसे दस स्वर्ण - माप के बराबर स्वर्ण- दान का फल एक आक के फूल को चढाने से मिल जाता है , हज़ार आक के फूलों कि अपेक्षा एक कनेर का फूल, हज़ार कनेर के फूलों के चढाने कि अपेक्षा एक बिल्व -पत्र से मिल जाता है और हज़ार बिल्व-पत्रों कि अपेक्षा एक गूमा-फूल ( द्रोण -पुष्प ) , हज़ार गूमा से बढ़कर एक चिचिडा ( अपामार्ग) , हज़ार अपमार्गों से बढ़कर एक कुश का फूल , हज़ार कुश के फूलों से बढ़कर एक शमी का पत्ता , हज़ार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल , हज़ार नीलकमल से बढ़कर एक धतूरा , हज़ार धतूरों से बढ़कर एक शमी का फूल होता है !
* अंत में शास्त्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि फूलों कि प्रजाति में सबसे बढ़कर नीलकमल ही भगवान् शिव जी का सर्वाधिक प्रिय पुष्प है ! *
@ हमारे अन्य साईट हैं ....
सभी फूलों का क्रमशः चित्र :
२. - कनेर का फूल : ३. - बिल्व-पत्र ४.- गूमा-फूल ६. - कुश का फूल : ७ . - शमी का पत्ता
५. - अपामार्ग ८. - नीलकमल
९. - धतूरा १०.- शमी का फूल
* आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .....