पिछले क्रम को जारी रखते हुए आज हम चन्द्रमा से सम्बंधित परेशानियां एवं उनके निवारणार्थ अत्यंत प्रभावी टोटके का जिक्र कर रहे हैं ! इसी लेख को जारी रखते हुए हम कल मंगल ग्रह से सम्बंधित जानकारी प्रदान करेंगे ----
चन्द्रमा
* जब चंद्रमा जन्म कुंडली में बैठकर अपने से सम्बंधित वस्तुओं द्वारा कष्ट दे रहा हो , जैसे माता बीमार हो अथवा जातक को मानसिक चिंता या निर्बलता हो अथवा फेफड़ों का कोई रोग हो अथवा धन - नाश हो रहा हो तो चांदी को दरिया में बहा देना चाहिए साथ ही रात को दूध या पानी का एक बर्तन सिरहाने रखकर सो जाएँ और प्रातः कीकर / बबूल के वृक्ष पर दाल दें !
* इसके अलावा चन्द्रमाँ जब कष्ट दे रहा हो तो शिव भगवान् की जल , दूध आदि द्वारा पूजा लाभप्रद मानी गयी है !
* चन्द्रमा यदि लग्न में बैठकर अनिष्टकारी सिद्ध हो रहा हो तो उस व्यक्ति को दूध आदि नहीं बेचना चाहिए , बल्कि उसे प्राकृतिक जल , चावल , चांदी आदि वस्तुओं को धारण करना चाहिए !
* यदि चन्द्रमा तृतीय भाव में स्थित होकर अनिष्टकारी सिद्द्ध हो रहा हो तो सब्ज रंग का कपडा लड़कियों को दान में दे देना चाहिए !
* यदि चंद्रमा चतुर्थ एवं दशम भाव में अनिष्टकारी हो तो रात में दूध का प्रयोग न करें ! बल्कि संभव हो तो लोगों को निःशुल्क दूध पिलाना चाहिए !
* यदि चंद्रमा अष्टम भाव में स्थित होकर अनिष्ट कर रहा हो तो आप श्मशान की सीमा के अन्दर स्थित कुएं का पानी अपने घर में रखें !
* एकादश भाव में स्थित होकर यदि चन्द्रमा अनिष्टकारी सिद्ध हो रहा हो तो भैरव जी के मंदिर में दूध देना लाभप्रद होता है !
नोट : उपरोक्त सभी प्रयोग अनुभूत हैं अतः अपनी जन्म - कुंडली की विवेचना के उपरांत उचित प्रयोग कर सकते हैं !
* आचार्य रंजन *
चन्द्रमा
* जब चंद्रमा जन्म कुंडली में बैठकर अपने से सम्बंधित वस्तुओं द्वारा कष्ट दे रहा हो , जैसे माता बीमार हो अथवा जातक को मानसिक चिंता या निर्बलता हो अथवा फेफड़ों का कोई रोग हो अथवा धन - नाश हो रहा हो तो चांदी को दरिया में बहा देना चाहिए साथ ही रात को दूध या पानी का एक बर्तन सिरहाने रखकर सो जाएँ और प्रातः कीकर / बबूल के वृक्ष पर दाल दें !
* इसके अलावा चन्द्रमाँ जब कष्ट दे रहा हो तो शिव भगवान् की जल , दूध आदि द्वारा पूजा लाभप्रद मानी गयी है !
* चन्द्रमा यदि लग्न में बैठकर अनिष्टकारी सिद्ध हो रहा हो तो उस व्यक्ति को दूध आदि नहीं बेचना चाहिए , बल्कि उसे प्राकृतिक जल , चावल , चांदी आदि वस्तुओं को धारण करना चाहिए !
* यदि चन्द्रमा तृतीय भाव में स्थित होकर अनिष्टकारी सिद्द्ध हो रहा हो तो सब्ज रंग का कपडा लड़कियों को दान में दे देना चाहिए !
* यदि चंद्रमा चतुर्थ एवं दशम भाव में अनिष्टकारी हो तो रात में दूध का प्रयोग न करें ! बल्कि संभव हो तो लोगों को निःशुल्क दूध पिलाना चाहिए !
* यदि चंद्रमा अष्टम भाव में स्थित होकर अनिष्ट कर रहा हो तो आप श्मशान की सीमा के अन्दर स्थित कुएं का पानी अपने घर में रखें !
* एकादश भाव में स्थित होकर यदि चन्द्रमा अनिष्टकारी सिद्ध हो रहा हो तो भैरव जी के मंदिर में दूध देना लाभप्रद होता है !
नोट : उपरोक्त सभी प्रयोग अनुभूत हैं अतः अपनी जन्म - कुंडली की विवेचना के उपरांत उचित प्रयोग कर सकते हैं !
* आचार्य रंजन *