* Special Tips ..........
शनि देव की कराल से कराल स्थिति , साढ़ेसाती , उपद्रव , रोग - दोष , मानसिक तनाव , पति-पत्नी वैमनस्यता , विद्या प्राप्ति तथा शनि-देव के पीड़ा - निवारण का कभी न असफल होने वाला सरल एवं अनोखा उपाय -----
निचे दिए जा रहे प्रयोग किसी भी अवस्था में असफल नहीं है . इस प्रयोग को करते ही मानव को उसी दिन उसी समय से 20% लाभ तुरत ही प्राप्त होता है . इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है की प्रयोग करने वाले जातक को मानसिक शांति , ताजगीपन और नवचेतना जागृत हो जाती है तथा कार्यक्षमता बढ़ जाती है .
यह प्रयोग अपने नजदीक के किसी भी नदी में जिसमें मच्छियाँ हों , कर सकते हैं
सामान्य प्रयोग
१ ) गाय का पूजन करें फिर दो रोटी लेकर , एक तेल से चुपड़ें और दूसरी को घी से चुपड़ें .
२ ) काले या सफ़ेद रंग के कुत्तों को कुछ मीठा खिलाकर पहले तेल से चुपड़ी रोटी खिलाएं फिर दूसरी घी की खिलाएं .
३ ) बंदरों को भुने चने , मीठी खील , केले और गुड हर शनिवार को खिलाएं .
विशिष्ट प्रयोग
१ ) ११ नारियल जटा सहित कच्चे पानी वाले लें
२ ) सवा किलो जौ काले कपडे में बांधकर पोटली बनायें
३ ) सवा किलो कच्चा कोयला काले कपडे में बांधकर पोटली बनाएं.
४ ) सवा किलो चना , दो कोयला एवं दो किल काले कपडे में बांधकर पोटली बनाएं . ५ ) सवा किलो रांगा / लैड / सिक्का की एक अलग से और पोटली बना लें .
प्रयोग विधि : श्रद्धापूर्वक गंगा - स्नान करें . तदोपरांत उपरोक्त क्रमशः पहले एक - एक नारियल दायें हाथ से पकडे और दाए कान की तरफ से बायीं ओर घुमाकर दोनों हाथ लगाकर जल में प्रवाहित करें और इस तरह पहले ग्यारह नारियल प्रवाहित करें . इसके पश्चात क्रम में से ही एक -एक पोटली को नारियल की तरह ही घुमाकर पानी में प्रवाहित करें .
घुमाते समय राहू एवं शनि देव का नाम लेकर कहें - " हे शनि देव और राहू देव , मेरी ग्रह -पीड़ा निवृत हो जाए , मुझे सुख - शांती एवं धन - धान्य की प्राप्ति हो . ये कार्य मैं आपकी प्रसन्नता के लिए कर रहा हूँ " - ऐसा आप हर वास्तु को सर से घुमाते हुए प्रवाहित करने के उपरान्त प्रार्थना - स्वरुप कहें .
इसके बाद पुनः स्नान करें और ह्रदय से अपने कल्याण के लिए प्रार्थना करें तथा पहने हुए कपडे , जूते /चप्पल सब को घाट पर छोड़ दें और नए / धुले वस्त्र पहनकर घाट से बाहर आ जाएँ .
नोट : वस्त्र / कपडे , जूता /चप्पल केवल एक बार ही गंगा पर छोड़ना है . इसके पीछे रहस्य यह है की पहने हुए कपडे छोड़ने से दरिद्रता दूर हो जाती है
बाहर आकर एक पेरा गाय को एवं ब्राह्मण को भोजन करा दें . साथ ही संभव हो तो गंगा के किनारे जौ को बोयें , इससे भयंकर पातक भी नष्ट हो जाते हैं .चेतावनी : इस प्रयोग को करने वाले व्यक्ति भूल कर भी मछली आदि न खाएं !
यह सिद्ध प्रयोग है . जातक चाहे किसी धर्म / जाती /सम्प्रदाय का हो , चाहे आस्तिक / नास्तिक हो उपरोक्त प्रयोग हर शनिवार को कम से कम ग्यारह बार अवश्य प्रयोग करें . इस प्रयोग के बाद उसे मानसिक शांति तथा धनाभाव नहीं व्यापेगा . यह अकाट्य सत्य है मैंने इसे कई व्यक्ति पर वर्षों तक प्रयोग किया तथा उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त किया .
ध्यान दें ---किसी प्रकार का संसय होने पर आप सीधे भी संपर्क कर सकते हैं - आचार्य रंजन ( ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ ) , बेगुसराय