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Wednesday, January 27, 2010

*कैसे बनते हैं ? - "सर्वार्थ - सिद्ध - योग "


-आचार्य  रंजन
                सर्वार्थ - सिद्ध -नक्षत्र योग  / योग
निचे  लिखे  वारों  में  यदि  निम्न  नक्षत्र - विशेष  के  आ  जाने  से  " सर्वार्थ - सिद्ध - योग " बनते  हैं - 

     वार          ---             नक्षत्र
रविवार   में     -    हस्त , मूला  , तीनों उत्तरा  , पुष्य , अश्विनी
सोमवार  में     -    श्रवण , रोहिणी , मृगशिर , पुष्य  , अनुराधा
मंगलवार  में   -   अश्वनी ,  उत्तराभाद्रपद ,  कृतिका ,  आश्लेषा 
बुधवार  में      -   रोहिणी ,  अनुराधा , हस्त  ,  कृतिका , मृगशिर 
गुरूवार  में      -    रेवती ,  अनुराधा , अश्वनी  , पुनर्वसु  , पुष्य 
शुक्रवार  में     -    रेवती , अनुराधा , अश्वनी , श्रवण ,  पुनर्वसु 
शनिवार  में     -   श्रवण ,  रोहिणी ,  स्वाति 

          शीघ्रता  में  यदि  कोई  अन्य   मुहूर्त   न  बनता  हो  तो  क्रय - विक्रय  , जमीन  जायदाद , आवेदन ,रत्न  आदि  धारण  करने  में  सर्वार्थ  -  सिद्ध  - योग  में  कार्यारम्भ  करके  अभिष्ठ  सिद्धि  कि  जा  सकती  है !

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