Saturday, October 31, 2009
* परिवार में आपसी - प्रेम व् सौहार्द्रता बनाये रखने हेतु ......
~ यदि परिवार में कलह एवं क्लेश सदैव बना रहता हो , आपस में शक होता हो तथा परिवार में प्रेम कि कमी का एहसास हो रहा हो तो किसी शनिवार के दिन घर के लिए पिसाई जाने वाली गेंहू में थोडा - सा चना मिला कर पिसा ले ,तथा इसी गेंहू के आंटे का प्रयोग परिवार के सभी सदस्य करें तो शर्तिया घर में कलह - क्लेश में अति-शीघ्र कमी आ जायेगी तथा परिवार में आपसी प्रेम संबंधों में बृद्धि होने लगेगी !
* उपरोक्त प्रयोग प्रायः सामान्य व्यक्ति भी कर सकते हैं , इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है *
- आचार्य रंजन (ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ सह निदेशक " महर्षि भृगु ज्योतिष संस्थान , बेगुसराय ")
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Aacharya Ranjan
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9:04 AM
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Hot Tips..
Friday, October 30, 2009
~भगवान् शंकर पर चढाये जाने वाले फूल एवं उनका महत्त्व ~
~आचार्य रंजन , बेगुसराय
शास्त्रों में भगवान् शिव शंकर पर फूल चढाने का बहुत अधिक महत्त्व बताया गया है ! अतः इसका उल्लेख करना आवश्यक है -
शास्त्रों ने कुछ फूलों के चढाने से मिलने वाले फल का तारतम्य बतलाया है , जैसे दस स्वर्ण - माप के बराबर स्वर्ण- दान का फल एक आक के फूल को चढाने से मिल जाता है , हज़ार आक के फूलों कि अपेक्षा एक कनेर का फूल, हज़ार कनेर के फूलों के चढाने कि अपेक्षा एक बिल्व -पत्र से मिल जाता है और हज़ार बिल्व-पत्रों कि अपेक्षा एक गूमा-फूल ( द्रोण -पुष्प ) , हज़ार गूमा से बढ़कर एक चिचिडा ( अपामार्ग) , हज़ार अपमार्गों से बढ़कर एक कुश का फूल , हज़ार कुश के फूलों से बढ़कर एक शमी का पत्ता , हज़ार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल , हज़ार नीलकमल से बढ़कर एक धतूरा , हज़ार धतूरों से बढ़कर एक शमी का फूल होता है !
* अंत में शास्त्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि फूलों कि प्रजाति में सबसे बढ़कर नीलकमल ही भगवान् शिव जी का सर्वाधिक प्रिय पुष्प है ! *
@ हमारे अन्य साईट हैं ....
४.- गूमा-फूल ६. - कुश का फूल : ७ . - शमी का पत्ता
५. - अपामार्ग ८. - नीलकमल
९. - धतूरा १०.- शमी का फूल
* आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .....
शास्त्रों में भगवान् शिव शंकर पर फूल चढाने का बहुत अधिक महत्त्व बताया गया है ! अतः इसका उल्लेख करना आवश्यक है -
शास्त्रों ने कुछ फूलों के चढाने से मिलने वाले फल का तारतम्य बतलाया है , जैसे दस स्वर्ण - माप के बराबर स्वर्ण- दान का फल एक आक के फूल को चढाने से मिल जाता है , हज़ार आक के फूलों कि अपेक्षा एक कनेर का फूल, हज़ार कनेर के फूलों के चढाने कि अपेक्षा एक बिल्व -पत्र से मिल जाता है और हज़ार बिल्व-पत्रों कि अपेक्षा एक गूमा-फूल ( द्रोण -पुष्प ) , हज़ार गूमा से बढ़कर एक चिचिडा ( अपामार्ग) , हज़ार अपमार्गों से बढ़कर एक कुश का फूल , हज़ार कुश के फूलों से बढ़कर एक शमी का पत्ता , हज़ार शमी के पत्तों से बढ़कर एक नीलकमल , हज़ार नीलकमल से बढ़कर एक धतूरा , हज़ार धतूरों से बढ़कर एक शमी का फूल होता है !
* अंत में शास्त्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि फूलों कि प्रजाति में सबसे बढ़कर नीलकमल ही भगवान् शिव जी का सर्वाधिक प्रिय पुष्प है ! *
@ हमारे अन्य साईट हैं ....
सभी फूलों का क्रमशः चित्र :
२. - कनेर का फूल : ३. - बिल्व-पत्र ४.- गूमा-फूल ६. - कुश का फूल : ७ . - शमी का पत्ता
५. - अपामार्ग ८. - नीलकमल
९. - धतूरा १०.- शमी का फूल
* आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .....
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6:43 AM
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देव पूजन
Thursday, October 29, 2009
* भगवान् गणेश जी के लिए विहित पत्र - पुष्प *
*Special Tips.....
@ भगवान् गणेश जी को " तुलसी " छोड़कर सभी पत्र-पुष्प प्रिय हैं , अतः सभी अनिषिद्ध पत्र-पुष्प इन पर चढाये जाते हैं ......@ भगवान् गणेश जी को दूर्वा सर्वाधिक प्रिय है , अतः इन्हें पुष्प हो - न - हो सफ़ेद या हरी दूर्वा अवश्य चढाएं ...
* दूर्वा कि फुगनी में तीन या पांच पत्ती होनी चाहिए *
@ गणेश जी को संभव हो नैवेद्य में लड्डू का ही भोग लगायें ......
विशेष : भूलकर भी गणेश जी को तुलसी - पत्र एवं माँ दुर्गा को दूर्वा से पूजन न करें ......
Wednesday, October 28, 2009
~Hot Tips....~
आचार्य रंजन
यदि आप घर के बाहर कहीं भी जाते हों तथा वहां यदि भोजन करते समय नज़र लगने कि संभावना हो तो भोजन प्रारंभ करने के पहले पानी से ( उंगली कि मदद से ) एक त्रिकोण या त्रिभुज बना लें उसके बाद उसी त्रिकोण पर थाली रखकर भोजन करें , कोई नज़र वगैरह नहीं लगेगा .....नोट : किसी भी तरह के शंका के समाधान हेतु सीधे संपर्क किया जा सकता है
100 % On-Line -Free-Consultancy : Mobile No.-09431236090 & On e-mail ID
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5:54 PM
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वास्तु
Tuesday, October 27, 2009
~ देव -पूजन Tips......देवताओं पर पुष्प चढाने एवं उतारने कि विधि -
** पुष्प चढाने कि विधि **
* फूल , फल और पत्ते जैसे उगते हैं , वैसे ही इन्हें चढाना चाहिए . इनका उत्पन्न होते समय मुख ऊपर कि ओर होता है , अतः चढाते समय इनका मुख ऊपर कि ओर ही रखना चाहिए , इनका मुख कदापि नीचे कि ओर न रखें ....
* दूर्वा एवं तुलसी-दल को अपनी ओर ही रखना चाहिए .....
* बिल्व-पत्र को सदैव नीचे कि ओर मुख कर चढाना चाहिए( इससे भिन्न पत्तियों को ऊपर या नीचे कि ओर मुख कर दोनों तरह से चढाया जा सकता है )...
* पुष्प हमेशा दाहिने हाथ कि करतल को उत्तान कर मध्यमा , अनामिका और अंगूठे कि सहायता से फूल चढाना चाहिए ....
- आचार्य रंजन , निदेशक " महर्षि भृगु ज्योतिष संस्थान , बेगुसराय "
* फूल , फल और पत्ते जैसे उगते हैं , वैसे ही इन्हें चढाना चाहिए . इनका उत्पन्न होते समय मुख ऊपर कि ओर होता है , अतः चढाते समय इनका मुख ऊपर कि ओर ही रखना चाहिए , इनका मुख कदापि नीचे कि ओर न रखें ....
* दूर्वा एवं तुलसी-दल को अपनी ओर ही रखना चाहिए .....
* बिल्व-पत्र को सदैव नीचे कि ओर मुख कर चढाना चाहिए( इससे भिन्न पत्तियों को ऊपर या नीचे कि ओर मुख कर दोनों तरह से चढाया जा सकता है )...
* पुष्प हमेशा दाहिने हाथ कि करतल को उत्तान कर मध्यमा , अनामिका और अंगूठे कि सहायता से फूल चढाना चाहिए ....
** पुष्प उतारने कि विधि **
* चढ़े हुए फूल को अंगूठे और तर्जनी कि सहायता से उतारें .....- आचार्य रंजन , निदेशक " महर्षि भृगु ज्योतिष संस्थान , बेगुसराय "
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6:00 PM
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देव पूजन
Monday, October 26, 2009
~ तुलसी - पत्ता तोड़ने कि विधि ~
Tips.......
* तुलसी का एक - एक पत्ता न तोड़कर पत्तियों के साथ उनके अग्रभाग को तोड़ना चाहिए ...* तुलसी कि मंजरी सब फूलों से बढ़कर मानी जाती है .....
* मंजरी तोड़ते समय उसमें पत्तियों का रहना भी आवश्यक माना गया है .....
* यदि आप पौधे को हिलाए बिना तुलसी के अग्रभाग को तोड़ते हैं तो इसका फल कई गुना बढ़ जाता है .....
- आचार्य रंजन
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6:45 PM
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देव पूजन
Tuesday, October 20, 2009
* विद्यार्थियों हेतु वास्तु Tips.....
* पढाई करते समय हमेशा अपना चेहरा पूर्व या उत्तर के तरफ ही रखें ....
* कभी भी अपने आगे टेबल को दीवार से सटाकर न रखें , इससे मानसिक - एकाग्रता बनाए रखने में काफी दिक्कत होगी ..
* इसके ठीक विपरीत अपने पीछे कभी खाली जगह न रखें यानी अपने सर कि तरफ ठोस दीवार हो तो सर्वोत्तम है ...
* पढाई करते समय टेबल पर ताजे पानी से भरा बर्तन अपनी बायीं ओर रखें तथा इसे समय-समय पर थोडा - थोडा पीते रहें अन्यथा इसे घंटे - दो घंटे पर बदल दिया करें ! इससे आपकी स्मरण शक्ति तेज़ होगी तथा एकाग्रता में बृद्धि होगी ..
* टेबल पर यथासंभव कितावों कि संख्या कम से कम रखें ...
* टेबल-लैंप अपने बाएँ तरफ रखें ....
* अन्य श्रोत ***
* कभी भी अपने आगे टेबल को दीवार से सटाकर न रखें , इससे मानसिक - एकाग्रता बनाए रखने में काफी दिक्कत होगी ..
* इसके ठीक विपरीत अपने पीछे कभी खाली जगह न रखें यानी अपने सर कि तरफ ठोस दीवार हो तो सर्वोत्तम है ...
* पढाई करते समय टेबल पर ताजे पानी से भरा बर्तन अपनी बायीं ओर रखें तथा इसे समय-समय पर थोडा - थोडा पीते रहें अन्यथा इसे घंटे - दो घंटे पर बदल दिया करें ! इससे आपकी स्मरण शक्ति तेज़ होगी तथा एकाग्रता में बृद्धि होगी ..
* टेबल पर यथासंभव कितावों कि संख्या कम से कम रखें ...
* टेबल-लैंप अपने बाएँ तरफ रखें ....
नोट : उपरोक्त प्रयोग पूर्णतया परीक्षित हैं , अतः इसका प्रयोग कर तुरत लाभ उठाया जा सकता है !
- आचार्य रंजन * अन्य श्रोत ***
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शिक्षा - वास्तु
Monday, October 19, 2009
~कृपया ध्यान रखें ....
* घर में कभी भी दो शिवलिंग , तीन गणेश , दो शंख , दो सूर्य , तीन दुर्गा-मूर्ति , दो गोमती-चक्र और दो शालिग्राम पूजा नहीं करना चाहिए , इससे गृहस्थ मनुष्य को अशांति एवं अनेक प्रकार के अचानक -विपातियों का सामना करना पड़ सकता है ..-
- आचार्य रंजन ( ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ ) , बेगुसराय
* NOTE अन्य जानकारी हेतु यहाँ क्लिक करें ...
- आचार्य रंजन ( ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ ) , बेगुसराय
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देव पूजन
Friday, October 16, 2009
* दीपावली TIPS ....- भूल कर भी दीपावली में माँ लक्ष्मी - पूजन में चावल का प्रयोग न करें ....
चावल से दीपावली में माँ - लक्ष्मी का पूजन निषेध क्यों ?
दीपावली में चावल के स्थान पर धान की खिल से माता लक्ष्मी का पूजन होता है , क्योंकि जिस तरह धान अग्नि की तपन से अपना रूप , रंग और स्वभाव बदल लेता है ठीक उसी प्रकार जातक माँ लक्ष्मी से प्रार्थना करता है कि - हे माँ लक्ष्मी ! यदि आप मेरे घर में आ जाएँ तो मैं भी इस प्रकार अपना रंग , रूप और स्वभाव बदल लूँगा और सुख-पूर्वक जीवन यापन करूंगा ! इसी भाव के अर्न्तगत माँ लक्ष्मी के ऊपर चावल न चढाकर धान कि खिल ही चढानी चाहिए ! - आचार्य रंजन
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विशिष्ट लेख
Wednesday, October 14, 2009
दीपावली विशेष :कुछ अनुभूत प्रयोग
रुके हुए धन वापस पाने हेतु Special Tips........
दीपावली के दिन स्वच्छ रुई लेकर उसकी चार बत्तियां बनायें ! बत्तियों को घी में डूबोकर उन पर शुद्ध नागकेशर , जावित्री और काले तिल कूट कर बिखेर दें ! रात्रि के 12 बजे के बाद किसी भी समय जब पूरा वातावरण शांत हो और चारो तरफ सुनसान हो तो इन बत्तियों को चौमुखे दीपक में तिल का तेल डालकर किसी वीरान चौराहे पर जलाकर रखें और देनदार व्यक्ति की छवि मन में रखें तथा ईश्वर से प्रार्थना करें की हे ईश्वर ! मेरा परिश्रम का कमाया धन मुझे वापस मिल जाए , ऐसा तीन बार बोलकर लौट आयें एवं पीछे मुड़कर न देखें !
ईश्वर की कृपा से आपका गया हुआ धन / फंसा हुआ धन शीघ्र वापस लौट आएगा !
- आचार्य रंजन
दीपावली के दिन स्वच्छ रुई लेकर उसकी चार बत्तियां बनायें ! बत्तियों को घी में डूबोकर उन पर शुद्ध नागकेशर , जावित्री और काले तिल कूट कर बिखेर दें ! रात्रि के 12 बजे के बाद किसी भी समय जब पूरा वातावरण शांत हो और चारो तरफ सुनसान हो तो इन बत्तियों को चौमुखे दीपक में तिल का तेल डालकर किसी वीरान चौराहे पर जलाकर रखें और देनदार व्यक्ति की छवि मन में रखें तथा ईश्वर से प्रार्थना करें की हे ईश्वर ! मेरा परिश्रम का कमाया धन मुझे वापस मिल जाए , ऐसा तीन बार बोलकर लौट आयें एवं पीछे मुड़कर न देखें !
ईश्वर की कृपा से आपका गया हुआ धन / फंसा हुआ धन शीघ्र वापस लौट आएगा !
- आचार्य रंजन
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विशिष्ट लेख
Tuesday, October 13, 2009
अनुरोध .......
प्रिय मित्रगण ,
आप सबों का मेरे इस नए साईट पर स्वागत है ! इस साईट का प्रधान उद्देश्य यह है की आप अपनी दिनचर्या में बिना किसी परिवर्तन किये अपने जीवन के छोटे से बड़े लगभग सभी समस्याओं का समाधान हमारे महर्षियों द्वारा बताये गए छोटे छोटे परन्तु अत्यंत प्रभावी टोटकों (हानि-रहित ) का प्रयोग कर उन समस्याओं से निजात पा सकें !
आपसे हमारा आग्रह है की कृपया आप हमें अपनी समस्याओं के विषय में बताएं , ताकि मैं आप सबों के लिए उस समस्याओं का सबसे आसान उपाय बता सकूं , जिससे आप शीघ्र लाभान्वित हो सकें !
हमारे दोनों साईट - साईट -१ एवं साईट -२ 100% free site हैं , अतः आप कभी भी किसी भी तरह के समस्याओं के निवारण या परामर्श ( ज्योतिष एवं वास्तु से सम्बंधित ) हेतु सीधे हमारे मोबाइल नंबर - 09431236090 या हमारे e-mail द्वारा संपर्क कर सकते हैं !
आप सबों का मेरे इस नए साईट पर स्वागत है ! इस साईट का प्रधान उद्देश्य यह है की आप अपनी दिनचर्या में बिना किसी परिवर्तन किये अपने जीवन के छोटे से बड़े लगभग सभी समस्याओं का समाधान हमारे महर्षियों द्वारा बताये गए छोटे छोटे परन्तु अत्यंत प्रभावी टोटकों (हानि-रहित ) का प्रयोग कर उन समस्याओं से निजात पा सकें !
आपसे हमारा आग्रह है की कृपया आप हमें अपनी समस्याओं के विषय में बताएं , ताकि मैं आप सबों के लिए उस समस्याओं का सबसे आसान उपाय बता सकूं , जिससे आप शीघ्र लाभान्वित हो सकें !
हमारे दोनों साईट - साईट -१ एवं साईट -२ 100% free site हैं , अतः आप कभी भी किसी भी तरह के समस्याओं के निवारण या परामर्श ( ज्योतिष एवं वास्तु से सम्बंधित ) हेतु सीधे हमारे मोबाइल नंबर - 09431236090 या हमारे e-mail द्वारा संपर्क कर सकते हैं !
आपकी प्रतिक्रिया एवं सुझाव हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है , अतः कृपया मार्गदर्शन करते रहें ताकि मैं आपकी एवं समस्त पाठकों का उचित सेवा कर सकूं !
-- आचार्य रंजन ( ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ ) सह निदेशक - " महर्षि भृगु ज्योतिष संस्थान , बेगुसराय "
Sunday, October 11, 2009
वास्तु टिप्स ....
* यदि घर में कुंवारी कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो , तो उस कन्या का 'शयनकक्ष' वायव्य -क्षेत्र में कर दें एवं " केले के गाछ का मूल (ROOTS)" पीले धागे में बाँध कर दाहिने भुजा पर बाँध दें , विवाह तुंरत हो जायेगा ।
-आचार्य रंजन
-आचार्य रंजन
*वास्तु टिप्स....
* कार्यालय / दूकान में उत्तरी-ईशान क्षेत्र में "मछली-घर (Acquarium)" अवश्य लगवाएं ,आय के श्रोत बढ़ जायेंगे।
* कार्यालय /दूकान में काउंटर पर "Mungoose" की विधिवत स्थापना करें । इसके प्रभाव से ग्राहक बार-बार आते हैं तथा आपके द्वारा दिया गया उधार की राशि भी स्वतः लौट आती है ।
- आचार्य रंजन , बेगुसराय , बिहार
* ऐश्वर्य बढ़ाने हेतु टोटका :
मध्य-एशिया ,सिंगापूर ,बैंकॉक ,हांगकांग में प्रचलन है की लाल रंग की रिबन यदि मुख्य-प्रवेश-द्वार पर लटकाई जाए तो घर में ऐश्वर्य की वृधी होती है। - भारत में मान्यता है की आम , कनेर, पीपल , अश्वाश्था एवं अशोक वृक्ष के पत्तों का तोरण लगाकर मुख्य - द्वार पर लटकाया जाये तो घर में ऐश्वर्य की वृधी के साथ-साथ सुख -शांति की प्राप्ति होती है ।
आचार्य रंजन , ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ , बेगुसराय
आचार्य रंजन , ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ , बेगुसराय
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9:50 AM
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फेंगसुई
* वास्तु - टिप्स :
"आचार्य रंजन "
* धन की कमी की वजह से यदि मकान नहीं बना पा रहे हों तो उस ज़मीन
पर 'रवि-पुष्य ' या 'शुक्र -पुष्य ' नक्षत्र में एक साथ दो "अनार का पौधा " ईशान क्षेत्र में लगा दें । मकान शीघ्र बन जायेगा ।
* यदि मकान बनाने के लिए धन नहीं है तो अपने ज़मीन का ' ईशान -क्षेत्र अग्रेत' कर किसी वास्तु - विशेषज्ञ के सलाह के उपरांत ज़मीन के ईशान में ही 'बोरिंग' करवा दें । इससे मकान बनने के साथ - साथ आय के नए -नए क्षेत्र भी बन जायेंगे ।
आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है -
पर 'रवि-पुष्य ' या 'शुक्र -पुष्य ' नक्षत्र में एक साथ दो "अनार का पौधा " ईशान क्षेत्र में लगा दें । मकान शीघ्र बन जायेगा ।
* यदि मकान बनाने के लिए धन नहीं है तो अपने ज़मीन का ' ईशान -क्षेत्र अग्रेत' कर किसी वास्तु - विशेषज्ञ के सलाह के उपरांत ज़मीन के ईशान में ही 'बोरिंग' करवा दें । इससे मकान बनने के साथ - साथ आय के नए -नए क्षेत्र भी बन जायेंगे ।
आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है -
* रीढ़ का दर्द कम करने के टोटके :
यदि शयन - कक्ष की पलंग की दरी के नीचे लिखनेवाली चाक का टुकडा रख दिया जाये तो रीढ़ की हड्डी का दर्द , कमर का दर्द मिट जाएगा एवं नींद आराम से आएगी ।
यदि शयन - कक्ष की पलंग की दरी के नीचे लिखनेवाली चाक का टुकडा रख दिया जाये तो रीढ़ की हड्डी का दर्द , कमर का दर्द मिट जाएगा एवं नींद आराम से आएगी ।
- आचार्य रंजन
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9:46 AM
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