भगवान् श्री गणेश जी का स्थापना करने के पूर्व इस बात का ध्यान रखना अति आवश्यक है कि उनकी पीठ हमारे घर के किसी भी भाग में न पड़े , अन्यथा वहां जहाँ / जिधर उनकी पीठ पड़ रही हो सुख , चैन व् शान्ति कि उम्मीद न रखें .
अतः सदैव उनकी तस्वीर या मूर्ती को इस तरह लगाएं कि उनकी पीठ किधर से भी घर के किसी भी क्षेत्र में न पड़े !
उदाहरण के लिए यदि आप घर के बाहर मुख्य द्वार पर लगाना चाहें तो गणेश जी कि दो (जोड़ा ) तस्वीर या मूर्ती बिलकुल एक साइज़ , रंग व् मुद्रा में लायें और इसे एक अन्दर के तरफ एवं एक बाहर के तरफ , एक ही स्थान पर लगाएं ताकि उनकी पीठ आपस में दीवार कि ओर सटी रहे तथा घर के अन्दर रहने वाले सभी व्यक्ति एवं बाहर के व्यक्ति दोनों सुखी व् शांति-पूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें !
- आचार्य रंजन * किसी भी शंका के समाधान हेतु संपर्क कर सकते हैं *
ये तो आपने बिल्कुल नई बात बताई....लेकिन क्या ये सिर्फ़ घर के लिये ही है..मंदिर के लिये तो नहीं न...और ये भी जानने की जिज्ञासा है कि ऐसा क्यों ....
ReplyDeleteAPP BTAENGE KI YHA BAT KAHA LIKHI HA JHA TAK MERA MANANA HA KI KOI BHI DHO MURTI APAS ME PITH STA KAR NHI RAKH SKTE AGAR APKA MANANA HA TO DUNIA KE 99% GAR ASHANTI SE GRASIT HOTE
ReplyDeleteHAM LOG TO AAJ TAK JITNE BHI GRHA PRIVES KARWATE HA OSME EK HI GANESH JI KO MUKHE DWAR PAR VIRAJMAN KARTE HA PLZ CONT.ON naveen_211987@yahoo.com